आज बीती गम की शाम सही,
इस रात को भी बीत जाने दो
कल फिर एक नया सवेरा आएगा,
खुशिया भर के लाएगा
कल फिर बारिश होगी हल्की हल्की,
फिर फूल मुस्कुराएँगे
भावरे भिन्न भिन्नाएँगे,
चिड़िया चह चाहाएँगे
गीली मिट्टी की खुश्बू लेकर,
ताज़ी हवायें आएँगी
छू कर तेरे गालो को,
तेरे बालो को उड़ाएगी
फिर चूम के अंखियो को
तुझे प्यार से जगाएगी
तुम बीते कल को भूल कर,
होठों को तिरछा करकर,
चलो, ग़लती से ही सही
मगर थोडा मुस्कुरा देना,
ज़िंदगी को सबाह देना
इस नये दिन को दुआ देना
जिस ने गुदगूदाया तुम्हे,
वक़्त बे वक़्त हासाया तुम्हे
झूठी बातें बोल कर
जिस ने हौसला दिलाया तुम्हे
अपने ही अंदर छुपे
उस सरकार को सदा देना
तुम बस …… एक बार मुस्कुरा देना
एक बार मुस्कुरा देना
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